Monday, February 21, 2011

स्वाभिमान चमकता है

वह कुछ हडबडाई सी अंदर आयी. उसके पीछे भागता हुआ गार्ड आया. आते ही बोली आज तो हम ने ठान लिया था कि मिलकर ही जायेंगे. मैंने गार्ड को इशारे से बाहर जाने को कहा और उससे पूछा - "हाँ बताओ, क्या हुआ" उसने प्रणाम किया और शादी का एक कार्ड मेरे सामने रख दिया. मैंने कार्ड से नज़र उठाकर उसकी ओर देखा तो उसने बोलना शुरू किया. आज से दो साल पहले मैं यहाँ मदद मांगने आयी थी. मैं और मेरा परिवार दो दिन का भूखा था. उस समय मुझे सौ पांच सौ रुपये एडवांस और नौकरी दी गयी थी. उस दिन उस पैसे से मैंने और मेरे बच्चों ने खाना खाया. पहली तनख्वाह मिली तो मैंने अचार बनाने का काम शुरू किया. आज मेरा अचार खूब बिकता है. मेरे लड़के पढ़ रहे हैं. लड़की की शादी कर रही हूँ. और पता है आपको, आज आपको यह न्योता देने मैं रिक्शे पर बैठकर आयी हूँ. और पता है आपको...... कहते हुए उसकी आँखों की चमक, सिर का कुछ उठ जाना और आवाज़ की खनक मुझे कभी नहीं भूलेगी. वह कब आयी थी और हमने क्या किया था, ये तो मुझे कुछ याद नहीं आया पर उसका उस दिन का स्वाभिमान मुझे हमेशा याद रहेगा.
किसी की मदद करना चाहें तो हरसंभव प्रयास करें कि उसका स्वाभिमान बना रहे. स्वाभिमान से भरा व्यक्ति आपकी मदद को सहारा बनाकर आगे बढ़ता है. स्वाभिमान के अभाव में दीन और पराधीन बन जाता है.

25 comments:

  1. अयोग्यः पुरुषो नास्ति योजकस्तत्र दुर्लभः .
    सचमुच..यह सत्य है. और राष्ट्र हित में भी है.ईश्वरीय कार्य आपने किया.

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  2. Excellent work and way of helping ourself. I am learning some more ways to mend.

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  3. i like way of helping rajendra kashayap

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  4. धन्यवाद अरुण मिश्र जी, अरुण साथी जी, प्रकाश जी, एकलव्य जी.

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  5. प्रकाश जी सिखकर औरों को भी जागरूक करेंगे यही आशा है. मंगलकामना.

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  6. KATHANAK SAHI NAHI HAI..VISHAYVASTU ME SWABHIMAN YUKT KOI BHI GHATNA KA ULLEKH NAHI MILTA.KISI VAYKTI KO KISI NE HELP KI ..BAS US PAR REKHANKAN HAI..

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  7. satya hai Didi
    mere bus me jo rahta hai use karne ka main pura prayas karti hu kintu is drishti se kabhi nahi socha, ek chupa hua manovigyan sikha aj maine

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  8. Anonymous मित्र को धन्यवाद. नाम देते तो और अच्छा लगता.
    धन्यवाद दिव्या जी.

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  9. dedi,i fell happy or kush samaye se man asaint sa tha , but aap ke contact main aane se life main change hua . ek satisfaction ,ek chupa hua sach sikha aj maine

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  10. प्रणाम सवीकार करे! कभी ऐसे वक़्त पर कोई मदद्त करता है तो उससे कोई कैसे भूल सकता है!

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  11. सच कहा आपने "किसी की मदद करना चाहें तो हरसंभव प्रयास करें कि उसका स्वाभिमान बना रहे. स्वाभिमान से भरा व्यक्ति आपकी मदद को सहारा बनाकर आगे बढ़ता है. स्वाभिमान के अभाव में दीन और पराधीन बन जाता है". बहुत सुन्दर !!!

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  12. Sadhviji Bhagwan roop badalkar uss swabhimani insaan ki madat ki koi bhi roop ko ishwar apne bandon ki madat kar ne aa hi jata hai vishwas is sabse bada bhagwan hai...

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  13. स्वाभिमान का एक और आशय है भीतरी तांकत. यह ऐसी शक्ति है, जिसका भान हमें नहीं होता. इसे तो कोई दूसरा हमें बताए, तभी पता चलता है कि हममें उस काम को अंजाम देने की शक्ति है,और जब हम उस काम को कर डालते है तो हमे अपने पर ही गर्व होने लगता है

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  14. I am forced by my heart to comment for a good deed done by you and the patience shown by that lady. I wish that definitely we will learn something more.

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  15. swayam krishi is by swabhimaan ; the spirit of standing for oneself , surviving and making the dependents survive too ;

    Sadviji , You have written exactly what you did (didnt't) ,in the humbleness of "Chit Arpit" bhaav.
    Namah Namah Sivaayah

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  16. साध्वी, आपको पूरा हक है कि किसको दूर रखना है किससे दोस्ती नही करनी है, मगर कुछ पल के लिए हि सही मुझको मेरी रिक्येस्ट पर आप ने दोस्तों कि श्रेणी में रखा, मुझको याद नही आती कि मै ने कभी कोई सीमा का अतिक्रमण किया है, अगर अनजाने में ऐसा हो गया हो, तो कम से कम एक चेतावनी तो दिया हि जा सकता था. आप को नही पता होगा, एक स्वास्थ्य जिज्ञासा कि पूर्ति होती रही. मगर आज का दर्द मेरे कलेजे में शूल कि तरह चुभा है, नही समझ पा रहा हूँ...........

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  17. खबरों की दुनियाँ, suhasn ji, Dinesh Mishra ji, Puttu Ke Papa, arvind kumar ji, vinod ji, Bibhash ji, anuradha ji को धन्यवाद इस पोस्ट को समय देने के लिए. आप सभी के अमूल्य विचारों का स्वागत है.

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  18. swabhiman ye shabd mujhe teen lobh( kanchan, kaam, kirti) me se ek ka ehsaas karata hai.
    kyuki swabhimaan ek tarah ki apne antarman me kirti ke vichaar ko prabal karta hai. so I think ye jeevan ki bandishon ko badhata hai.

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  19. रास्ते में चलते हुए - फूलों के बीज बिखेरते हुए चलने की आदत होनी चाहिए. कभी पलट कर उस रस्ते ना भी जाना हुआ - तो भी कभी उन ही फूलों की महक आ जाए तो अच्छा लगता है.
    साध्वी जी, बधाई एवं शुभकामनाएं.

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  20. Agreed with Harish Singh jee..

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  21. dan hamesha supatra ko diya jana chaiye kupatra ko nahi par sadhaviG hum jaise sansarik logo me ye samaz nahina hoti hai ye to aap jaise log hi samaz sakte hai hume to raste chalte sadhu-fakir murkha bana jate hai

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  22. आत्मविश्वास ही जीवन को मनभावन रंगों से श्रृंगारित करता है। जिसे स्वयं पर विश्वास नहीं उसके जीवन में सुख का अहसास नहीं। जीवन की शानदार उपलब्धियाँ आत्मविश्वास के बल पर अर्जित की जाती हैं।

    आत्मशक्ति ने जीवन में खुशियों के फूल खिलाए हैं
    अपने पर विश्वास किया तो सपने सच कर पाए हैं।

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