Sunday, August 11, 2013

ज़हर से कतराते हैं वे, जो खुद ज़हरीले हैं

भाई हैं नाग देवता: आज नाग पंचमी है। घर-घर में कोयले से सांप उकेर कर उनकी पूजा की जाएगी, और नागपंचमी की कथा पढ़ी जाएगी। कथा याद है आपको? नहीं है, तो मैं याद करा देती हूँ। एक लड़की कोई भाई न होने से दुखी है और उसकी करुण पुकार पर पाताल लोक में बैठे नाग देवता भाई बनकर प्रकट होते हैं। उस दिन श्रवण मास,शुक्ल पक्षकीपंचमी थी और वे वादा करते हैं कि प्रतिवर्ष इसी दिन आएंगे। तब से सभी नागदेवता को भाई के रूप में पाने के लिए पूजन करने लगे। भाई कौन होता है? लड़की के लिए भाई रक्षक होता है।वह विवाह होने तक लड़की की रक्षा करता है। लड़की के विवाह के बाद पूरी धरती पर कोई है जो उसके पति से भी जवाब-तलब कर सकता है तो वो भाई है। समर्थ भाई जिस जीजा के पाँव छूता है, बहन के दुखी होने पर उसी जीजा को चेतावनी भी दे देता है, कि खबरदार मेरी बहन को कष्ट दिया तो। यह होता है भाई। जिस लड़की के भाई न हो वह अभागी होती है, दुखी होती है और ऐसी ही दुखिया की पुकार पर नागदेवता भाई के रूप में प्रकट हो गए।

नाग ही क्यों?: भाई के रूप में आखिर नाग देवता का ही पूजन क्यों होता है? शेर, हाथी जैसे अन्य शक्तिशाली जीवों का क्यों नहीं? कभी सोचा आपने? धरती पर रेंगने वाले जीव को पिटारे में बंद देखकर इसे कमज़ोर तो नहीं समझ लिया आपने? नाग परम शक्तिशाली होता है। जकड़कर मज़बूत से मज़बूत हड्डी को चकनाचूर कर सकता है। भागने में अच्छे अच्छों को पछाड़ देता है और ज़हर के बारे में कौन नहीं जानता। साधारणतया हर जीव सांप का सामना करने से डरता है।
धरती का आधार हैं नाग: यमुना के पानी को ज़हरीला बनाने वाले भयानक वासुकी को कृष्ण मारते नहीं, बल्कि जगह छोड़कर चले जाने को कहते हैं। शिव उसे अपने गले में धारण करते हैं और विष्णु कि शैय्या हैं शेषनाग। ऐसी भी कथा है कि शेषनाग ने धरती को धारण किया है। इस प्रतीक को समझें तो पता चलेगा कि वास्तव में सांप धरती पर जीवन के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। सांप का ज़हर आज भी अनेक औषधियों में प्रयोग होता है। खेती को नुकसान पहुँचाने वाले जीवों का शत्रु है सांप और इसके अलावा इसकी फुंफकार वातावरण के लिए वही काम करती है जो नीम का धुआं। सांप धरती के नीचे रहते हैं और लगातार चलायमान रहते हैं, अपनी इस आदत के कारण वे धरती के तापमान को नियंत्रित रखते हैं। शास्त्रों में सांप को बहुत अधिक महत्त्व दिया गया है जो शायद सही ही होगा। आज के वैज्ञानिक इसके महत्त्व को पूरी तरह नहीं आंक पाए हैं और शायद इसीलिए इस पर हमले जारी हैं।
एक ही दिन पूजन क्यों?: किसी भी मंदिर में जाइये बंदरों, चूहों, मक्खियों की भरमार मिलेगी। कारण, वहां उन्हें मिलने वाले भोज्य पदार्थ। क्या आप इन्हीं सब के बीच इधर-उधर रेंगते सांपों की कल्पना कर सकते हैं? सिहर गए न। कितना भी उपयोगी या पूज्य क्यों न हो पर सांप के प्रति जो भय है वह ज्यों का त्यों ही रहता है। नागपंचमी पर सांप के लिए दूध रखने वाले भी मन ही मन प्रार्थना करते हैं कि, हे देवता मेरे जाने के बाद ही दूध पीने आना। इसके अतिरिक्त सांप इन्हीं दिनों बाहर आते हैं। बाहर आने पर अपने भय के चलते लोग उन्हें मारें न इसी कारण सावन माह का एक दिन उनके नाम कर दिया गया है।

कैसे हो पूजन?: पूजन तो जैसे आपको करना है वैसे करिए पर इस दिन अपने दुश्मनों की तुलना सांप से मत कीजिये। आज के दिन को लोग एक-दूसरे को छेड़ने के लिए ही दूध पिलाने का न्यौता देते हैं और इस न्यौते पर सामने वाला बुरी तरह तिलमिला भी जाता है। नाग पंचमी तो है ही इस बात के लिए कि आप सांप को अपना मित्र, अपना भाई मानें। इस दिन दुश्मनों को याद करके दूध पीने आने का न्यौता दिया तो नागपंचमी कहाँ सार्थक हुई? इस पर्व की आत्मा है नागों के प्रति प्रेम भाव। उसे अपने जीवन में उतारिये और उनकी शक्ति से संपन्न रहिये। नागपंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।


3 comments:

  1. bahut sahi kaha aapne............shukria..........aapko bhi Nag Panchmi ki hardik shubhkaamnaaye

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  2. 1 new jankaree ye diya aapne ki saap ko bhai ke roop me bahne pujatee hai. ye mujhe nahi pata tha. thankyou for this knowledge

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  3. dilchasp jankaridi aapne .....aur rarthak hi ...is parv par apko dher si shubkamnayen ...

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